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हालांकि लालू यादव ने रविवार को इस पूरे प्रकरण पर बोलते हुए कहा था कि कौन-कहां बैठा है यह महत्व की बात नहीं और उन्हें कोई तकलीफ नहीं, क्योंकि यह एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि धार्मिक कार्यक्रम था। उनकी पार्टी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता रघुबंश प्रसाद सिंह ने इस पूरे विवाद की शुरुआत यह कहकर की थी कि महागठबंधन के लालू यादव सबसे वरिष्ठ नेता हैं और जमीन पर बिठा कर उनका अपमान किया गया है। वहीं बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने यह कहकर विवाद को एक नया मोड़ दिया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई सूची में लालू यादव का नाम ही नहीं था और राज्य सरकार को उन्हें मंच पर बिठाने के लिए अनुमति लेनी चाहिए थी।
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