बिहार के मुख्यमंत्री नितीश यादव ने शराबबंदी को लेकर कडा रुख अपनाते हुए नया नियमा बनाया है। इस नियम के अनुसार अब राज्यभर के अधिकारी और कर्मचारी कहीं भी शराब नहीं पी सकते हैं। राज्य कैबिनेट द्वारा एक प्रस्ताव पास कर न्यायिक सेना के अधिकारियों को भी इसके अंतरगर्त रखा गया है।
इसके तहत न्यायिक सेवा के अधिकारी और कर्मचारी को शराब का सेवन बैन कर दिया गया है। अगर ऐसा करते हुए कोई अधिकारी या कर्मचारी पाया गया तो सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। द टेलीग्राफ में छपी एक खबर के मुताबिक राज्य सरकार के कर्मी और न्यायिक सेवा के पदाधिकारी अगर शराब पीते हैं तो इसे सर्विस रूल का उल्लंघन माना जाएगा और ऐसे लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस संबंध में बिहार जूडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूल 2017 को पास किया है और बिहार सरकारी सेवक और आचार नियमावली 1976 में संशोधन किया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस संशोधन की मंजूरी दी गई। कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि बिहार जूडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूल 2017 के लिए पटना हाई कोर्ट ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था जिसे राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया।
मेहरोत्रा के मुताबिक, इससे पहले ऐसा कोई कानून नहीं था जिसके तहत न्यायिक सेवा के अधिकारियों को शराब या कोई भी नशीली पदार्थ का सेवन करने से रोका जा सके। अब नए नियम के मुताबिक जूडिशियल ऑफिसर्स को ऐसा करने से न सिर्फ रोका जा सकेगा बल्कि ऐसा करते हुए पाया गया तो उन्हें दंडित भी किया जाएगा।
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