नई दिल्ली। उप-राज्यपाल नजीब जंग ने शुक्रवार(2 सितंबर) को वह फाइल दिल्ली सरकार को वापस लौटा दी, जिसमें न्यूनतम वेतन में 50 फीसदी तक के इजाफे का प्रस्ताव किया गया था। जंग ने दिल्ली सरकार से इस प्रस्ताव पर फिर से विचार करने को कहा है। उन्होंने उप-राज्यपाल की पूर्व अनुमति के बगैर अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से गठित 13 सदस्यीय वेतन निर्धारण समिति को ‘‘अवैध’’ करार दिया है।
शुक्रवार को राज निवास में जंग से मुलाकात करने वाले श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने नई समिति के गठन से जु़ड़ी फाइल उप-राज्यपाल के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से दिल्ली में न्यूनतम वेतन के नए नियमों के लागू होने में देरी होगी, क्योंकि जंग तीन सितंबर को 10 दिनों की अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं।
बहरहाल, राय ने दावा किया कि उप-राज्यपाल न्यूनतम वेतन में प्रस्तावित 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी पर सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गए हैं। दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव उप-राज्यपाल की मंजूरी के लिए 24 अगस्त को भेजा था।
अप्रैल में राय ने 13 सदस्यीय समिति बनाई थी। समिति ने पिछले महीने सिफारिश की कि सभी श्रेणी-अकुशल, अर्धकुशल और कुशल के कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन में 50 फीसदी इजाफा किया जाए।
On a day when 18 cr workers are on strike, Modi's LG returns file on minimum wages
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 2, 2016
फाइल लौटाने पर जंग के खिलाफ हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया कि ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उप-राज्यपाल ने ऐसे समय न्यूनतम वेतन वाली फाइल लौटा दी है जब 18 करोड़ कामगार आज(शुक्रवार) देशव्यापी हड़ताल पर हैं।’’