56 मदरसों ने बंद किया मिड डे मील लेना, कहा- हिंदू भगवानों को चढ़ा खाना नहीं लेंगे

0

मध्यप्रदेश के उज्जैन में कुछ मदरसों ने मिड डे मील में आने वाले खाने को वहां पढ़ने वाले बच्चों को खिलाने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि उन्हें शक है कि जो संस्था मिड डे मील उपलब्ध करवा रही है, वो इस खाने को पहले हिंदु देवी देवताओं को भोग लगाती है। वहां के प्रशासन ने तर्क दिया है कि मिड डे मील में आने वाला खाना हिंदुओं द्वारा बनाया जाता है, इसलिए वो ये खाना नहीं लेंगे। जबकि उन्हें परेशानी इससे नहीं है कि खाना हिंदु लोग बनाते हैं, बल्कि इस बात से है कि इस खाने का भोग पहले हिंदु देवी देवताओं को लगाया जाता है। जो कि उनकी परेशानी की सबसे बड़ी वजह है।

इसे भी पढ़िए :  आज एक हो सकते है AIADMK के दो धड़े

मदरसों को ये खाना पिछले महीने तक इस्कॉन टेम्पल से दिया जाता था, लेकिन जुलाई 2016 को टेंडर खत्म होने के बाद से मिड डे मील, BRK Foods and Ma Parvati Foods नाम की कंपनी से उपलब्ध कराया जाने लगा। इन कंपनियों द्वारा 315 स्कूलों को खाना दिया जाता था, जिनमें से 56 मदरसों ने खाना लेने से मना कर दिया। वहाँ के प्रशासन का कहना है कि ना तो वो पूजा पाठ करके दिया गया खाना खुद खायेंगे ना ही वहाँ के बच्चों को खाने देंगे। बच्चों के घरवाले इस सब से काफी परेशान हैं उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी के खिलाफ़ नक्सली, अपने कालेधन को ऐसे कर रहे हैं सफेद