रायगढ़ पुल हादसे में बहे लोगों की तलाश जारी, 4 शव मिले, सरकार ने दिए जांच के आदेश

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रायगढ़। महाराष्ट्र के महाड में ब्रिटिशकालीन पुल के टूटने के बाद बहे लोगों की तलाश जारी है। वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि पुल हादसे की न्यायिक जांच की जाएगी। इसके साथ ही प्राथमिक वजह की जांच के लिए आईआईटी की एक टीम भेजी गई है।

पुल के ध्वस्त हो जाने के कारण सावित्री नदी में बह गई दो बसों और कुछ अन्य वाहनों से गुरुवार (4 अगस्त) को तीन शव बरामद किए गए हैं। साथ ही लापता वाहनों का पता लगाने के लिए बचाव कार्यकर्ताओं ने 300 किलोग्राम का चुंबक नदी में डाला है। मुंबई से करीब 170 किलोमीटर दूर रायगढ़ जिले में महाड़ के नजदीक मुंबई-गोवा राजमार्ग पर मंगलवार (2 अगस्त) को एक पुराने पुल के ध्वस्त हो जाने के बाद

लापता लोगों का पता लगाने के अभियान में नौसेना और तटरक्षक के जवान लगे हुए हैं। बह गई दो बसों में करीब 22 लोग सवार बताए गए हैं।
रायगढ़ जिला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय पाटिल ने बताया, ‘तीन शव बरामद कर लिये गये हैं। एक शव एक पुरूष का है जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह दोनों बसों में से एक बस का चालक है। दूसरा शव एक महिला का है।’ उन्होंने बताया कि तीसरा शव भी बरामद किया गया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वह पुल गिरने के कारण हुए हादसे का शिकार है या नही। उन्होंने बताया कि शवों को दुर्घटनास्थल से करीब 50-60 किलोमीटर दूर नदी से निकाला गया है। इससे पहले खबर आयी थी कि सघन तलाशी के दौरान बुधवार (3 अगस्त) दो शव बरामद किए गए। हालांकि बाद में जिला पुलिस ने स्पष्ट किया कि बुधवार रात तक कोई शव बरामद नहीं किया गया।

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एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि चुंबक में कुछ फंसा है जिसे नदी से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के गोताखोरों ने गुरुवार (4 अगस्त) सुबह फिर अभियान शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाके में गुरुवार को तटरक्षक के चेतक हेलीकॉप्टर को भी तलाश अभियान में शामिल किया गया है। बुधवार को 14 घंटे की सघन तलाश और बचाव अभियान के बावजूद कोई भी जीवित व्यक्ति या शव नहीं मिल सका था। जिला अधिकारियों के मुताबिक, बसों में से एक रायगढ़ के जयगढ़ से मुंबई की ओर जा रही थी जबकि दूसरी बस राजापुर से बोरीवली (मुंबई) आ रही थी। समझा जाता है कि दो बसों के अलावा, कई अन्य वाहन भी उफनती नदी में बह गए हैं। बुधवार को तलाशी एवं बचाव अभियान में 28 मरीन कमांडो, राष्ट्रीय आपदा कार्यवाई बल (एनडीआरएफ) के लगभग 100 जवान और तटरक्षक के 25 जवानों को लगाया गया था।

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इस बीच, सत्तरूढ़ गठबंधन की सहयोगी शिवसेना ने इस पुल को सिर्फ तीन महीने पहले दी गई परिचालन की मंजूरी पर सवाल उठाते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, ‘मई में ब्रिटिश कालीन पुल को यातायात पात्रता प्रमाण पत्र किस आधार पर जारी किया गया था।’ शिवसेना ने कहा है कि ब्रिटिश कालीन सभी पुलों की जगह नए पुल बनाए जाने चाहिए। हम तभी कह सकते हैं कि हमने इससे सबक लिया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (कांग्रेस) राधाकृष्ण विखे पाटिल समेत मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बुधवार (3 अगस्त) को महाड़ में घोषणा की कि सरकार राज्य में सभी पुराने पुलों का एक सुरक्षा ऑडिट करवाएगी।

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