दिल्ली:
बिहार के ‘माउंटेनमैन’ दशरथ मांझी के नक्शेकदम पर चलते हुए महाराष्ट्र के मांझी ने सड़क में गड्ढों की वजह से पत्नी के माथे में गहरी चोट लगने के बाद रास्ते के गड्ढ़-मड्ढ़ वाले हिस्से को पूरी तरह दुरूस्त कर दिया।
केज तहसील के धानेगांव के निवासी मारूति सोनावाने ने अपनी मेहनत और अपना पैसा लगाकर सड़क की मरम्मत की। उसने सरकारी मशीनरी के हस्तक्षेप का इंतजार नहीं किया।
इसी माह के प्रारंभ में उसकी पत्नी विमल सरकारी बस से कहीं जा रही थी। सड़क में गड्ढ़े होने की वजह से उसके सिर में गहरी चोट लगी।
वैसे कोई अन्य व्यक्ति होता तो वह अपनी किस्मत को कोसता और इस बात का इंतजार करता कि सरकारी मशीनरी उस सड़क की मरम्मत कराए। लेकिन मारूति ने किसी का इंतजार नहीं किया और उसने खुद गड्ढों को भरा।
यह घटना धानेगांव फाटा से धानेगांव के बीच के :डायवर्जन पर: हुआ था जो करीब दो किलोमीटर लंबा है। मारूति उसकी मरम्मत करने में जुट गया, वह अन्य यात्रियों को इसे दुर्घटनामुक्त कराने के लिए रात-दिन लगा रहा।
उसने कहा, ‘‘कल, यदि सरकार मुझे दूसरी सड़क की मरम्मत करने के लिए कहेगी तो मैं अपनी भैंस बेच दूंगा जिससे मुझे 5000 रूपए मिलेंगे । मैं उस पैसे का इस्तेमाल सड़क के काम में करूंगा।’’ बिहार के गया के दशरथ मांझी की पत्नी पहाड़ पर फिसलकर गिर गयी थी और मर गयी थी। उसके बाद मांझी ने 25 सालों तक कड़ी मेहनत कर पहाड़ काटा और रास्ता बनाया।