बिहार के कई इलाके में भारी बारिश और नेपाल द्वारा पानी छोड़ने की वजह से त्राहिमाम कि स्थिति उत्पन्न हो गई है। नेपाल-बिहार के बॉर्डर एरिया में रविवार तक बीते 72 घंटे लगातार हुई भारी बारिश की वजह से गंगा, कोसी और महानंदा नदियां उफान पर है। इससे किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बारिश-बाढ़ की वजह से राज्य के 15 जिलों के साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इन इलाकों में राहत और बचाव के लिए सरकार ने NDRF और SDRF के साथ सेना को भी उतारा है। एयरफोर्स की मदद मांगी गई है। इन जिलों के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग परेशान हैं। कई इलाकों से लोग अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे है।
नीतीश कुमार सोमवार को हवाई सर्वे के जरिए हालात का जायजा लेंगे।बिहार में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित किशनगंज में NDRF की 3, SDRF की 1 टीम और सेना का एक – एक कॉलम लगाया गया है।इनके अलावा पूर्णिया में NDRF की 2, अररिया में SDRF की 2 और NDRF की एक टीम लगाई गई है।रविवार कि देर शाम सेना के 4 और कॉलम पूर्णिया पहुंची है। इनमें 1 को किशनगंज भेजा गया है और 3 को पूर्णिया में।
इधर, बाढ़ में डूबने से सीतामढ़ी में 3, पूर्णिया और दरभंगा में 2-2, मोतिहारी और मधेपुरा में 1-1 की मौत हो गई।कई जिलों में ट्रेनें सर्विस और बिजली सप्लाई भी ठप हो गयीं है।
बाढ़ की सूचना मिलते ही नीतीश कुमार ने हालात का जायजा लिया। उन्होंने नरेद्र मोदी, राजनाथ सिंह और अरुण जेटली को हालात की जानकारी दी है। सीएम ने राहत और बचाव कार्य हेतु केंद्र से मदद मांगी है और केंद्र ने सीएम को हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया है।