नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार(9 सितंबर) को कहा कि भारतीय सेना को चुस्त एवं परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को बदल सकने वाले ऐसे नेताओं की आवश्यकता है, जो उच्च तीव्रता वाले मुकाबलों से लेकर शांति काल के दौरान संघर्ष की सभी स्थिति में पल भर में सही एवं नैतिक आधार पर उचित निर्णय ले सकें।
राष्ट्रपति ने भारतीय सेना के अधिकारियों से कहा कि वह उदाहरण पेश करते हुए नेतृत्व करें और हमेशा अपनी ‘कथनी को करनी में’ बदलें। उन्होंने अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में भोज के दौरान कहा कि भारतीय सेना बदलाव के दौर में है और उसे चुस्त एवं हालात के अनुकूल ढलने वाले ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जिनका दृष्टिकोण व्यापक हो और जिनके पास कई तरह के कौशल हों।
तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे पर आए मुखर्जी ने कहा कि ऐसे सैन्य नेताओं के बिना सफल होना संभव नहीं है, जो उच्च तीव्रता वाले मुकाबले, शांतिकाल, शांतिरक्षा, मानवीय हस्तक्षेप, आतंकवाद एवं उग्रवाद रोधी समेत सभी प्रकार के संघर्ष की स्थिति में पैदा हुई चुनौती का डटकर मुकाबला कर सकें।
उन्होंने कहा कि ‘आपसे संचालन संबंधी एवं अन्य मुश्किल हालात में पल भर में सही एवं नैतिक आधार पर सही निर्णय लेने की उम्मीद की जाएगी। आपको यह दक्षता हासिल करने के लिए कड़ा प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।