दिल्ली:
हाल के दिनों में अपने कई नेताओं के पार्टी छोड़कर चले जाने के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज दावा किया कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की दौड़ में उनकी पार्टी ‘‘दूसरों से कहीं आगे’’ है । हालांकि, मायावती ने आरोप लगाया कि सपा, भाजपा और कांग्रेस गुप्त समझौते के तहत यह छवि गढ़ने की कोशिश कर रही हैं कि बसपा की यूपी चुनाव हालत काफी कमजोर है।
मायावती ने एक विशाल रैली में कहा, ‘‘अपने परिवार के सदस्यों को जगह नहीं दिए जाने से नाराज कुछ असंतुष्ट तत्वों के बसपा छोड़कर जाने के कुछ उदाहरण रहे हैं। उन्होंने यह आरोप लगाने में भी देरी नहीं की कि चुनाव लड़ने के लिए टिकट बेचे जा रहे हैं।’’ इन आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘एक तरफ हमारे विरोधी हमें चूकी हुई ताकत करार देकर खारिज करने की कोशिश करते हैं, जबकि दूसरी तरफ आरोप लगाते हैं कि लोग उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बसपा का टिकट पाने की खातिर बड़ी रकम खर्च कर रहे हैं ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आम लोग इस विरोधाभास को देख सकते हैं। सपा, भाजपा और कांग्रेस ने यह छवि गढ़ने के लिए गुप्त समझौता कर रखा है कि हम काफी मुश्किल में हैं ।’’ बसपा के वरिष्ठ नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, आर के चौधरी और ब्रजेश पाठक के हाल में पार्टी छोड़कर जाने के बाद मायावती ने यह बयान दिया है।
मायावती ने उस चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण को भी ‘‘फर्जी’’ करार दिया जिसमें बताया गया था कि यदि राज्य में आज विधानसभा चुनाव कराए जाएं तो बसपा सत्ताधारी सपा और भाजपा से कहीं पीछे तीसरे पायदान पर रहेगी। बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘‘हमारे विरोधियों, खासकर कांग्रेस और भाजपा, के कई धन्नासेठ दोस्त हैं जो मीडिया को नियंत्रित करते हैं। इससे फर्जी सर्वेक्षण करना संभव हो जाता है जिसमें हमें राज्य में तीसरे या चौथे नंबर की पार्टी के तौर पर दिखाया जाता है।’’ मायावती ने कहा, ‘‘मैं लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले भी ऐसे ही गुमराह करने वाले सर्वेक्षण सामने आए थे, लेकिन उस चुनाव में हमें पूर्ण बहुमत मिला था।’’ ‘‘अपने परिवार को संभालने में व्यस्त’’ रहने और ‘‘जबर्दस्ती के रिश्ते कायम करने’’ को लेकर मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आड़े हाथ लिया।
गौरतलब है कि अखिलेश कई बार कह चुके हैं वह मायावती को अपनी ‘‘बुआ’’ मानते हैं ।
मायावती ने कहा कि सपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन इससे ‘‘उसके संरक्षण वाले असामाजिक तत्वों का हौसला बढ़ा’’ और उसने ‘‘एक ही जाति के सदस्यों को सारे लाभ पहुंचाए ।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा का बार-बार यह कहना कि वह उत्तर प्रदेश में सिर्फ सपा को चुनौती मानती है, एक खतरनाक चाल है जिसका मकसद विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि वाराणसी के लोगों ने उन्हें काफी उम्मीदों से वोट दिया था, लेकिन अब उन्हें एक ऐसे सांसद से संतोष करना पड़ रहा है ‘‘जिसे तब भी उनकी कोई परवाह नहीं है जब मंदिरों वाले इस प्राचीन शहर में आई बाढ़ में आदमी और भगवान के घर एकसमान तरीके से डूबे हुए हैं ।’’ हाल ही में एक निजी दूरसंचार कंपनी की ओर से अखबारों में दिए गए विज्ञापन में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल को गंभीरता से लेते हुए मायावती ने आरोप लगाया कि ‘‘गरीबों की जमीनें छीनकर, अरबों रूपए के कर्ज माफ कर और सरकारी कंपनियों को बेहाल छोड़कर निजी कंपनियों को फलने-फूलने देकर’’ मोदी बड़े धन्नासेठों को फायदा पहुंचा रहे हैं ।
मायावती ने कहा कि भाजपा उनकी पार्टी और सवर्णों के बीच एक दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है । उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा दलितों के खिलाफ है ।
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी और अगड़ी जातियों के बीच दरार पैदा करने के लिए वे ‘तिलक, तराजू और तलवार’ जैसे नारे उछाल रहे हैं। तथ्य यह है कि हमने अगड़ी जातियों के साथ कभी भेदभाव नहीं किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने अगड़ी जातियों में आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण की मांग की है। इसके अलावा, हमारे कई शीर्ष पदाधिकारी, विधायक, विधान पाषर्द और सांसद अगड़ी जातियों से हैं।’’ मायावती ने कहा, ‘‘हाल में भाजपा नेता दया शंकर सिंह ने मेरे खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। उन्होंने उन्हें बख्रास्त कर दिया, लेकिन पूरे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण मोड़ देने की कोशिश की ताकि अगड़ी जातियों को दलितों के खिलाफ भड़काया जा सके। चुनाव आते-आते वे ऐसी और भी कोशिशें कर सकते हैं। मैं अपने समर्थकों से अपील करती हूं कि वे बेमतलब उकसावे में आकर उनके जाल में न फंसें ।’’ शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार घोषित करने के कांग्रेस के फैसले पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि ब्राह्मण कार्ड खेलने की उम्मीद से वे एक बुजुर्ग महिला को लेकर आए हैं ।
मायावती ने लोगों को याद दिलाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शीला दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।