नई दिल्ली। पीएम मोदी पर हमला करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दलित की बेटी का नोटों की माला पहनना पीएम को हजम नहीं हो रहा है। भाजपा के लोग नोटों की माला पहनें तो ठीक, लेकिन दलित की बेटी पहने तो ठीक नहीं।
‘नोटों की माला’ वाली टिप्पणी पर भड़कीं मायावती ने सोमवार(14 नवंबर) को मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि दलित की बेटी नोटों की माला पहने, ये उन्हें हजम नहीं होता। मोदी खुद अपने गिरेबान में झांकें कि कितने दूध के धुले हैं।
माया ने कहा कि अपने गिरेबान में झांककर क्या मोदी इसका जवाब देंगे कि वे कितने दूध के धुले हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के मामले में आप कितने साफ-सुथरे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान बंटाने के लिए मोदी विरोधी पार्टियों पर अनर्गल आरोप लगाते रहते हैं, जो निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि नीतिगत आधार पर आरोप लगें तो ठीक है, लेकिन व्यक्तिगत आरोप नहीं लगने चाहिए। एक दलित की बेटी को नोटों की माला पहनाई जाए, इनके गले के नीचे नहीं उतरता। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2010 के दौरान एक रैली में मायावती को बसपा कार्यकर्ताओं ने नोटों की विशालकाय माला पहनाकर स्वागत किया था।
इसी को लेकर यूपी के गाजीपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने नोटबंदी पर मायावती के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि कुछ थे जो नोटों की माला पहनते थे। नोट की मालाएं इतनी बड़ी होती थीं कि उनका चेहरा तक नहीं नजर आता था।