सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने बहुजन समाज पार्टी को 104 करोड़ रुपये से ज्यादा चंदा मिलने का खुलासा किया जिसके बाद मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर सफाई दी। मायावती ने कहा कि यह बसपा की रूटिन प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके तहत देशभर से सदस्यता अभियान द्वारा जमा पैसा जमा करवाया गया। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की साजिश करार देते हुए कहा कि दलित विरोधी पार्टियों के इशारे पर यह कार्रवाई हुई है।
मायावती ने सफाई देते हुए कहा, ‘यह पैसा अगस्त के आखिर से आया। उस समय कोई नोटबंदी नहीं हुई थी। मैं अगस्त के आखिर से नवंबर तक उत्तर प्रदेश में रही। दिल्ली नहीं जा सकी। दिल्ली आने पर हिसाब-किताब जांच कर पैसे अकाउंट में जमा करवाने थे। इत्तेफाक से तभी नोटबंदी का फैसला आ गया। ये तो पार्टी का पैसा है और हमारे दफ्तर में जमा है तो क्या उस पैसे को फेंक देंगे? हमने कोई हेरा-फेरी नहीं की। हमारे पास एक-एक पैसे का हिसाब है। हमने पूरी निष्ठा से पैसे जमा कराए।’
मायावती ने कहा कि दूसरी पार्टियों ने भी पैसे जमा किए लेकिन उसका जिक्र तक नहीं हुआ। यह पैसा हेराफेरी का नहीं बल्कि इमानदारी और मेहनत का है। यह दलित विरोधी मानसिकता नहीं है तो और क्या है। ये लोग दलित की बेटी को यूपी की राजनीतिक चाबी नहीं आने देना चाहते। दलित की बेटी का काम करना बीजेपी को अच्छा नहीं लगता।
अपने भाई के खाते में जमा हुई नकदी को लेकर भी मायावती ने कहा कि उसने सभी नियमों का पालन किया है। उसके खिलाफ भी जो जांच की जा रही है वो एक साजिश है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा हर बार चुनाव से पहले छोटी बातों को बड़ा मुद्दा बनाकर मीडिया में ऐसे लाती है जैसे मैंने कोई भ्रष्टाचार किया हो।
पीएम मोदी में थोड़ी भी ईमानदारी है तो अपनी पार्टी के खाते में 8 नवंबर के बाद जमा किए गए पैसों की जांच कराएं। इसके अलावा अपनी पार्टी के और दूसरे कामों की भी जांच कराए। मुझे सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है। बीएसपी में जो भी प्रभावशाली लोग हैं उन पर भी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके परेशान कर सकती है।
पिछली बार जब हमपर ऐसे आरोप लगाए गए थे तो बीएसपी यूपी की सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ आई थी। इस बार भी यूपी की जनता ऐसा ही कुछ करेगी। हम बीजेपी को बता दें कि आप जितना यह ऐसे कदम उठाएंगे, हमें उतना ही फायदा होगा। हम सत्ता में आएंगे।
मायावती ने ताज कॉरिडोर को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ताज कॉरिडोर के लिए 175 करोड़ रु पास किया गया। केवल 17 करोड़ का काम हुआ। ये काम भी केंद्र की एजेंसी ने किया था। बीजेपी की सरकार थी। इसकी फाइल एक बार भी मेरे सामने पास होने के लिए नहीं रखी गई। इस मामले में कोई अगर कोई घपला हुआ है तो उसे उस वक्त केंद्र की बीजेपी सरकार का किया माना जाएगा।