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पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार का पर्चा खारिज कराने का पूरा खेल पहले से ही तय था। बताया जा रहा है कि उम्मीदवार के पर्चे में जानबूझकर कमी छोड़ी गई, ताकि कवरिंग कैंडिडेट को आधिकारिक उम्मीदवार बनाया जा सके।
दिलचस्प बात है कि सुरेश भारद्वाज 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी छोड़कर आप में शामिल हो गए थे और आप ने उन्हें अपना उम्मीदवार भी बना दिया था लेकिन बीजेपी ने अपने नेता को मना लिया था और भारद्वाज ने आम आदमी पार्टी का टिकट वापस कर दिया था और फिर से बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन इस बार शाह का फार्मूला उनके टिकट की राह में रोडा बन गया।
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