कहीं रेप ना हो जाए इसलिए बेटी को पत्थरों और जंजीरों में बांधकर रखती है मां

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रेप
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अहमदाबाद : किसी के दिल में डर किस हद तक हॉवी हो सकता है इसका जीता जागता उदाहरण है अम्रीका और उसकी मां। अम्रीका हमारे समाज का ऐसा चेहरा है, जो है तो समाज का हिस्सा, पर ऐसा हिस्सा है जिसकी कोई पहचान नहीं है। वह मानसिक रूप से बीमार है, लेकिन सरकार उसकी सुध नहीं लेती। उसकी मां सविता को उससे बेहद प्यार है लेकिन उसके इलाज के न पैसे हैं और न यह साबित करने का कोई जरिया कि वह इसी राज्य की नागरिक है, इसी देश की नागरिक है।

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मां को डर है कि मानसिक रूप से बीमार बेटी कहीं भाग न जाए, किसी बस के नीचे न आ जाए, उसके साथ कहीं रेप न हो जाए…, वह बेटी को 24 घंटे बांधकर रखने को मजबूर है। भारी पत्थरों के क्रेट से रस्सी के जरिए बेटी अम्रीका को बांधकर मां बेटी को सुरक्षित रखने की कोशिश करती है। अम्रिका को इस उम्र में जहां भागते-दौड़ते रहना चाहिए, दुनिया को जानना चाहिए, वहीं वह शिव मंदिर के बाहर पत्थरों से बंधकर जीने को मजबूर है, जिसे वह अपना घर कहती है।

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