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ऐसे में अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव कैसे पारित हो सकता है। तकनीकी तौर से यह गलत है, यही पक्ष हम चुनाव आयोग में रखेंगे। मुलायम गुट का मानना है कि इसी वजह से मुलायम सिंह आज भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है।
मुलायम और अखिलेश दोनों को ही चुनाव आयोग के सामने अपने-अपने तर्क रखने हैं, जिसके बाद आयोग तय करेगा कि साइकिल का चुनाव चिन्ह किसे दिया जाए। इस बारे में फैसला पार्टी संविधान और वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। अभी तक, अखिलेश पार्टी के भीतर विधायको और विधानपरिषद सदस्यों का बहुमत जुटा पाने मे सफल रहे हैं।
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