समाजवादी पार्टी (सपा) में दो फाड़ के बाद पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ को अपने पास रखने के लिए मुलायम गुट व उनके बेटे अखिलेश गुट के प्रयासों के बीच पूर्व निर्वाचन आयुक्त एस.वाई.कुरैशी ने सोमवार (2 जनवरी) को कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि दोनों में से किसी भी गुट को साइकिल चुनाव चिन्ह न मिले। इंडिया टुडे टेलीविजन चैनल से कुरैशी ने कहा, ‘अपने पास बहुमत को दर्शाने के लिए दोनों पक्ष अपने दावे के पक्ष में हलफनामा और अपने समर्थकों के हस्ताक्षर पेश करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इनका सत्यापन होगा और इसमें चार से पांच महीने का वक्त लग सकता है। मुझे नहीं लगता कि यह चुनाव से पहले होने जा रहा है, क्योंकि दोनों पक्षों के दावे मजबूत हैं और दोनों मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे।’ कुरैशी ने कहा, ‘साइकिल चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया जाएगा तथा अनौपचारिक नाम तथा अनौपचारिक चुनाव चिन्ह प्रदान किए जा सकते हैं। निर्धारित प्रक्रिया तथा उसी के हिसाब से लगने वाले समय के बाद अंतिम फैसला आएगा।’
समाजवादी पार्टी का नियंत्रण अपने हाथों मे लेने की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोशिश की पृष्ठभूमि में पार्टी अध्यक्ष के वफादार यह सुनिश्चित करने के लिए सोमवार (2 जनवरी) सुबह राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र होना शुरू हुए ताकि ‘साइकिल’ चुनाव चिह्न मुलायम सिंह यादव के पास ही रहे। अखिलेश के खेमे द्वारा पार्टी से निष्कासित किए गए शिवपाल सिंह यादव और अमर सिंह यह सुनिश्चित करने की रणनीति बनाने के लिए दिल्ली पहुंचे कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले ‘साइकिल’ चुनाव चिह्न मुलायम के पास ही रहे। राज्य में चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है।