अंकुर पठान ही अकेले मुस्लिम नहीं हैं जो इस समारोह में हिस्सा लेते हैं, बल्कि सजावट की पूरी व्यवस्थाओं को देखने वाले गुलाम नबी भी आयोजन की विभिन्न रंगों से सजावट करते हैं। उनका कहना है कि त्यौहार धर्म-जाति से नहीं बल्कि भाईचारे और प्रेम-सद्भावना से मनाया जाना चाहिए। उन्हें इस तरह की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हें इस कार्यक्रमों में शामिल होना अच्छा लगता है और वे सिर्फ रंग ही नहीं करते, इस कार्यक्रम के लिए ढोल भी वही बनाते हैं।
Gujarat: Muslims take part in traditional #Garba dance in Surat #Navratri2016 pic.twitter.com/fKZKsvaAuQ
— ANI (@ANI_news) October 8, 2016
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