मौलवियों ने बोला कश्मीरी अलगाववादियों पर हमला, कहा…

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देश में कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठने लगी है। अब मौलवियों ने भी अलगाववादियों पर हमला बोला है। दरअसल मुस्लिम मौलवियों का एक दल मंगलवार (6 सितंबर) को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने के लिए गया। वे सभी लोग कश्मीर के मुद्दे पर राजनाथ सिंह से बातचीत करने गए थे। मीटिंग के बाद मौलवियों के दल ने एक सुर में कहा कि केंद्र सरकार को कश्मीर की स्थिति सुधारने के लिए अलगाववादियों से बातचीत नहीं करनी चाहिए।

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मौलवियों के दल के एक सदस्य ने कहा, ‘हुर्रियत के लोगों से बातचीत क्यों हो? ये वे लोग हैं जो ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हैं।’ इसके साथ ही सभी मौलवियों ने उन लोगों पर भी सवाल खड़े किए जो अलगाववादियों से मिलने के लिए गए थे। मौलवियों ने कहा कि उन लोगों को अलगाववादियों से बातचीत करने जाना ही नहीं चाहिए था। गौरतलब है कि माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, जदयू नेता शरद यादव और राजद के जयप्रकाश नारायण गिलानी से मिलने को गए थे। हालांकि, अलगाववादी नेताओं ने उन लोगों से मिलने से मना कर दिया था। उन लोगों को यह कहकर लौटा दिया गया था कि वे (अलगाववादी नेता) उनसे दिल्ली आकर मिलेंगे।

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इसके साथ ही दल ने राजनाथ सिंह के प्रति भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय कश्मीर के मुद्दे को जल्द ही हल कर लेगा। इससे पहले राजनाथ सिंह ने सोमवार (5 सितंबर) को हुर्रियत नेताओं पर हमला बोला और कहा कि अलगाववादियों के व्यवहार ने दिखा दिया कि वे कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत में विश्वास नहीं करते हैं। राजनाथ ने कहा कि कश्मीर पर ‘वार्ता के लिए दरवाजे और खिड़कियां’ हमेशा खुली हैं, लेकिन उन्होंने निकट भविष्य में पाकिस्तान से किसी तरह की बातचीत की संभावना से यह कहते हुए इनकार किया कि ‘पहले हमें अपने देश के भीतर लोगों से बात करने दीजिए।’

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