जदयू के एक नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव या मायावती गैर-बीजेपी नेतृत्व का चेहरा बन सकते हैं, नीतीश-हार्दिक गुजरात में दलित-पटेल-मुस्लिम मोर्चे का चेहरा बन सकते हैं। नीतीश इस एकता के सूत्रधार हो सकते हैं। नीतीश के लिए गुजरात उत्तर प्रदेश से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इससे नीतीश के बीजेपी के करीब आने की अफवाहें भी खत्म हो जाएंगी।
पिछले साल सितंबर में बिहार विधान सभा चुनाव से पहले हार्दिक ने नीतीश कुमार को अपना समर्थन दिया था। नीतीश ने भी हार्दिक की पेटल समुदाय को ओबीसी में शामिल करने की मांग का समर्थन किया था। हार्दिक ने पत्र लिखकर नीतीश के समर्थन के लिए आभार जताया था। इस साल अक्टूबर में नीतीश ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में आरक्षण मांग रहे मराठा, जाट, गूर्जर, कापु, रेड्डी और वोक्कालिगा के साथ सहानुभूति जताई थी।