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ये भी कहा जा रहा है कि नीतीश और उनकी पार्टी लालू को मंझधार में इसलिए अकेले छोड़ दिया है ताकि मौका मिलने और अपनी सुविधा के अनुसार लालू प्रसाद से किनारा कर सके. जदयू कह सकता है कि हमलोगों ने सामाजिक न्याय के लिए गठबंधन किया था ना कि करप्शन और घोटाले के लिए. इस बात को आधार बनाकर जदयू लालू प्रसाद से किनारा कर सकता है.
मुख्यमंत्री ने भी नहीं दिया जवाब
उधर, कुछ दिन पहले लोक संवाद कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवाल पर कुछ नहीं बोला और सवाल टाल गये. सीएम की चुप्पी के बाद अब तक प्रवक्ताओं ने भी बोलने से परहेज किया है. वहीं जदयू की चुप्पी पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने हमला किया है. मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार का यही काम करने का स्टाइल है. उनके प्रवक्ता हर छोटी छोटी बातों पर बोलते रहते हैं लेकिन इस मामले में उनकी कुछ मंशा और होगी.
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