नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के किराए में तत्काल वृद्धि नहीं होगी, क्योंकि डीएमआरसी के किराए में संशोधन के लिए गठित पैनल ने अपनी रिपोर्ट जमा कराने के लिए तीन और महीनों का समय मांगा है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने मई के अंत में दिल्ली मेट्रो के किराए में संधोधन के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एम एल मेहता के नेतृत्व में एक किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) का गठन किया था।
समिति को अपनी रिपोर्ट जमा कराने के लिए तीन माह का समय दिया गया था, लेकिन समिति के प्रमुख ने अपनी रिपोर्ट जमा कराने के लिए अब समिति से तीन और महीनों का समय मांगा है।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ‘पैनल ने शहरी विकास मंत्रालय को लिखे एक पत्र में अपनी रिपोर्ट जमा कराने के लिए तीन और महीनों का समय मांगा है।’ चौथी एफएफसी के अन्य सदस्य शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और दिल्ली के प्रधान सचिव के के शर्मा हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की मांग है कि बिजली शुल्क दरों में वृद्धि के मद्देनजर किराया बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि बिजली शुल्क संचालनात्मक लागत का एक बड़ा कारक है। दिल्ली मेट्रो के किराए में पिछली बार संशोधन 2009 में किया गया था।