ओला-उबर की हड़ताल दसवें दिन भी जंतर-मंतर पर जारी रही। जिसकी वजह से जो लोग इन कैब का इस्तेमाल करते हैं उन्हें इन दिनों काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते ओला-उबर को कोर्ट ने 28 फरवरी को हड़ताली मामले में सुनवाई के लिए बुलाया है। वहीं पदाधिकारियों का कहना है कि मंगलवार तक ओला-उबर के अधिकारियों से मांगों को लेकर बातचीत होने की स्थिति बन रही है। ऐसा होता है तो अगले दो दिनों के भीतर हड़ताल खत्म कर दी जाएगी। सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन आॅफ इंडिया के पदाधिकारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि मंगलवार तक ओला-उबर के अधिकारियों से हड़ताल के संबंध में बात करने की संभावना बन रही है।
उस बातचीत से दोनों पक्ष सहमत होंगे तो हड़ताल खत्म कर दिया जाएगी नहीं तो हम हड़ताल जारी रखेंगे। कैब चालकों की हड़ताल से दैनिक कैब यात्री बेहद परेशान हो रहे हैं। उन्हें मेट्रो और डीटीसी बसों से यात्रा करना पड़ रही है। वहीं रविवार को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर अपेक्षाकृत कैब की संख्या बढ़ी हैं।
इसे लेकर हड़ताली कैब चालक संगठन का कहना है कि कुछ गाड़ियां सड़कों पर आई जरूर हैं लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है। उनका कहना है कि अभी भी 80 फीसद कैब का पहिया थमा हुआ है। चालकों का पूरा समर्थन मिल रहा है।
जो कैब चालक भ्रमित हुए हैं सोमवार को उन्हें रोका जाएगा और हड़ताल में लाया जाएगा। इस बीच जितेंद्र ने यह भी बताया कि संगठन के अध्यक्ष कमलजीत को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। भूख हड़ताल करने से उनके पेट में संक्रमण की शिकायत थी। लेकिन संगठन के उपाध्यक्ष रवि राठौर रविवार को भी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती रहे।
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