‘गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो शमशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए।‘ उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अपने इस बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं।
पीएम मोदी ने पहली बार ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर विरोधी उन पर चुनाव में ध्रुवीकरण का आरोप लगा रहे हैं। सवाल ये है कि क्या यूपी में धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव होता है?
चुनाव में ये पहला मौका है जब पीएम मोदी ने सीधे-सीधे धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव का मुद्दा उठाया है। पीएम ने यूपी के फतेहपुर में कहा कि शासन का मंत्र भेदभाव नहीं सबका साथ सबका विकास होना चाहिए। पीएम मोदी के इस बयान के बाद चुनाव के मैदान में बड़ा तूफान खड़ा हो गया है, विरोधी पीएम पर चुनाव में वोट के लिए ध्रुवीकरण यानी हिंदू-मुस्लिम की बात करने का आरोप लगा रहे हैं।
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