पंचायत ने किसान को सुनाई एक पैर पर खड़े रहने की सजा, सदमे में बुजुर्ग की मौत

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प्रतिकात्मक फोटो।
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नई दिल्ली। भारत में अंधविश्वास की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि लोग आसानी से इसकी चपेट में आ जाते हैं। वहीं प्रशासन भी लोगों में अंधविश्वास पैदा करने वालों पर नकेल नहीं कसती जिसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश में देखने को मिला।

दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित के ग्राम रामटौरिया में गलती से गाय के बछड़े ने चूहा मारने वाली दवा खा ली, जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद तुगलकी पंचायत के फरमान की वजह से बछड़े की मौत हो जाने की सजा एक बुजुर्ग किसान को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

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एक दैनिक अखबार के मुताबिक, बछड़े की हत्या के आरोप में पंचायत ने पहले किसान को गंगा स्नान कराया और बाद में मरने से पहले उसे गांव के लोगों को भोज भी देना पड़ा। इतने से भी जब पंचायत का मन नहीं भरा तो उसने तुगलकी फरमान सुनाते हुए उसे भरी पंचायत में एक पैर पर एक घंटे के लिए खड़े होने की सजा भी दी। सजा भुगतने के बाद जब किसान अपने घर पहुंचा तो सदमे से उसकी मौत हो गई।

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खबरों के मुताबिक, 70 वर्षीय हरसिंह लोधी के खेत में रखी चूहामार दवा खा लेने से उसकी गाय के एक बछड़े की मौत हो गई थी। इसे गोहत्या का पाप बताते हुए ग्रामवासियों ने पंचायत लगाई। पंचायत ने हरसिंह को गोहत्या का दोषी बताकर इलाहाबाद जाकर गंगा स्नान करने, मुंडन कराने फिर गांव में सामाजिक भोज देने की सजा सुनाई।

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