प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी के ऐलान के बाद से ही देश भर के बैंको और एटीएम के आगे अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। अभी भी बैंक और एटीएम के बाहर कतार कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में पेंशनर्स के लिए नई परेशानी आ खड़ी हुई है। उनके खाते में पेंशन जमा तो करा दी गई, लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह हुई कि बैंकों में भीड़ के चलते वे खातों में से रुपए नहीं निकाल पा रहे। पेंशनर्स और सैलेरी लेने बैंक आए लोगों को लंबी लाइनों का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर कैश की कमी के चलते लोगों को टोकन दिए गए और दूसरे दिन आने को कहा गया। देशभर में कई एटीएम में अभी तक पैसा नहीं आया है।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, पंजाब के जालंधर में पेंशनर्स को एक हजार रुपये दो-दो रुपये के सिक्कों के रूप में दिए गए। पेंशनर्स को 10 हजार रुपये की पेंशन देनी थी और इनमें से नौ हजार रुपये तो नोट के रूप में दिए गए लेकिन एक हजार रुपये दो के सिक्कों में दिए गए। बैंकों के इस कदम पर कई पेंशनर्स ने आपत्ति जताई। एक ने कहा, ‘दो रुपये के सिक्कों से मैं क्या करूं। इससे मुझे कैसे मदद मिलेगी।’
एक अन्य पेंशनर ने बताया, ‘आजकल तो बच्चे भी नहीं लेते दो रुपये के सिक्के। क्या करेंगे हम इनका। सरकार ने ये हालत कर दी है अब हमारी।’
इस सब के बीच दो दिसंबर को सरकार ने 27 बैंक कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही छह अधिकारियों को ट्रांसफर भी कर दिया गया। वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह पाया गया है कि बैंक के अधिकारी बैंकिंग प्रक्रियाओं में ट्रांजेक्शन के लिए आरबीआई की तरफ से जारी किए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा है कि किसी भी व्यक्ति की तरफ से की जाने वाली अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।