नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार(23 अगस्त) को कहा कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 46 साल बाद भी असंगठित ग्रामीण क्षेत्र तक संस्थागत रिण पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पाया है। मुखर्जी ने कोलकाता में बंधन बैंक की पहली वषर्गांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 46 बरस बाद भी बैंक शाखाओं का विस्तार और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना, संस्थागत कर्ज असंगठित ग्रामीण क्षेत्र की जरूरत को पूर्ण रूप से पूरा करने में कामयाब नहीं रहा है।
मुखर्जी ने बंधन बैंक के सूक्ष्म वित्त रख की सराहना की। यह पूर्वी भारत में आजादी के बाद स्थापित पहला निजी क्षेत्र का बैंक है। राष्ट्रपति ने भरोसा जताया कि रिजर्व बैंक के नए गवर्नर उर्जित पटेल तथा वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रभावी तरीके से भारतीय अर्थव्यवस्था का दिशानिर्देशन करेंगे।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन ने कहा कि अब केंद्रीय बैंक खुद विनियम से मुक्त हो रहा है। ऐसे में अब वृद्धि के लिए ठोस प्रबंधन नीतियों को अपनाने का काम बैंकों को करना है। बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी सी एस घोष ने बताया कि पहले साल में बैंक ने 30 राज्यों में 701 शाखाएं स्थापित की हैं।