कैसे पूरा होगा पीएम मोदी का ‘कैशलेस इंडिया’ का सपना, जब परिवार के लोग ही नहीं दे रहे साथ!

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कैशलेस

पीएम मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। सरकार देश को कैशलेस इकॉनमी की दिशा में ले जाना चाह रही है जिसके लिए सरकार पूरी कोशिश भी कर रही है। वहीं दूसरी और पीएम मोदी के भाई प्रहलाद मोदी ही अभी तक अपनी दुकान को कैशलेस नहीं कर पाए हैं। प्रहलाद अहमदाबाद में फेयर प्राइस शॉप ओनर्स असोसिएशन के प्रेज़िडेंट हैं और उनकी खुद की भी एक फेयर प्राइस शॉप है। प्रह्लाद मोदी का कहना है कि कैशेलस ट्रांजैक्शंस को रफ्तार पकड़ने में अभी कुछ समय लग सकता है क्योंकि उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों में इसको लेकर कुछ चिंताएं हैं।

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इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत के दौरान प्रह्लाद मोदी ने बताया, ‘अभी बैंक हमें स्वाइपिंग मशीनें देंगे और उन मशीनों पर रेंटल चार्ज भी लगेगा। ट्रांजैक्शंस पर कुछ सर्विस चार्ज भी लगेगा और हम जैसे लोगों के लिए जो कि कमीशन बेसिस पर काम करते हैं, उन्हें दिक्कत होगी। इसलिए हम सरकार से यह चार्जेज हटाने या बैंकों को चार्ज देने के लिए कह रहे हैं।’

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प्रह्लाद मोदी ने कहा कि अभी तक उन्होंने अपनी दुकान पर कोई POS मशीन या डिजिटल वॉलेट भी नहीं लगाया है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक मेरे पास कोई कस्टमर नहीं आया है जो पेटीएम या इसी तरह के किसी दूसरे माध्यम से भुगतान करना चाहता हो।’

उन्होंने बताया, ‘लोग अब POS मशीनें लगवाने की तैयारी कर रहे हैं और कई लोगों ने बैंकों के साथ करंट अकाउंट्स भी खोले हैं, लेकिन अब बैंकों को इस दिशा में अगला कदम उठाना है।’

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प्रह्लाद मोदी ने कहा, ‘हमारा ज्यादातर बिजनस कैश आधारित है और लोग हमारे पास थोड़ा कैश लेकर आते हैं।’ उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोगों के पास राशन की दुकानों के लिए कैश होता है, इसलिए दुकान मालिकों को अभी तक नोटबंदी का असर ज्यादा महसूस नहीं हुआ है।