गोधरा दंगे के सभी 28 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। गुजरात में वर्ष 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के सभी 28 आरोपियों को गांधीनगर की कोर्ट ने ठोस सुबूतों के अभाव में शुक्रवार(3 फरवरी) को बरी कर दिया। सभी अभियुक्त लंबे समय से जमानत पर हैं। आपको बता दें कि गोधरा कांड के बाद पूरे गुजरात में दंगे फैल गए थे। इस हिंसा में करीब 1000 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के थे।

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27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन का कोच जलाए जाने के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को गांधीनगर जिले के कलोल स्थित पलियाड़ गांव में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी। करीब 250 लोगों की भीड़ ने अल्पसंख्यकों के इस गांव में आगजनी और हिंसा को अंजाम दिया था।

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पलियाड़ गांव में आगजनी, दंगे और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए 28 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा उन्हें पलियाड़ की एक दरगाह के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगा था।

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फैसला सुनाते हुए कलोल के अतिरिक्त जिला जज बीडी पटेल ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। घटनास्थल के गवाह भी यह कहते हुए आरोपियों को पहचानने से इनकार कर गए कि भीड़ का हिस्सा रहे लोगों की पहचान कर पाने में वे असमर्थ हैं।