जलीकट्टू बैन के मुद्दे पर तमिलनाडु के सीएम पन्नीरसेल्वम के पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद भी कोई रास्ता न निकलने के बाद तमिलनाडु के प्रदर्शनकारियों ने अब मोदी विरोधी रुख अपना लिया है। मोदी ने गुरुवार को पन्रीरसेल्वम से मुलाकात में दलील दी थी कि मामला कोर्ट में लंबित होने की वजह से वह इस पर अध्यादेश नहीं ला सकते। चेन्नै के मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को जब इस बारे में पता चला तो वे भड़क गए। उन्हें उम्मीद थी कि इस प्राचीन खेल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए गए बैन को निरस्त करने के लिए मोदी सरकार अध्यादेश लाने का रास्ता अपनाएगी।
मोदी ने पन्नीरसेल्वम से मुलाकात में जलीकट्टू के सांस्कृतिक अहमियत की तारीफ की और राज्य सरकार को हर तरह की मदद देने का आश्वासन भी दिया। हालांकि, मोदी के इस फैसले को मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे हजारों युवाओं ने तमिलनाडु की संस्कृति के अपमान के तौर पर लिया। मोदी और पन्नीरसेल्वम की मुलाकात के ठीक बाद मोदी की तस्वीर वाले प्लेकार्ड मरीना बीच के प्रदर्शनकारियों के हाथों में नजर आए। प्रदर्शनकारियों ने न केवल मोदी, बल्कि पन्नीरसेल्वम, एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
विपक्षी पार्टियों ने भी मोदी और सीएम की मुलाकात पर तीखी प्रतिक्रिया दी। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि यह ‘निराशाजनक’ है कि मोदी ने ऑर्डिनेंस लाने से इनकार कर दिया। स्टालिन ने कहा, ‘बुधवार को मैंने सीएम को कहा था कि वह अपने साथ सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों को ले जाएं। हालांकि, वह प्रधानमंत्री से अकेले मिलना चाहते थे।’ स्टालिन ने मांग की कि सीएम तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं और शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र भी हो। स्टालिन ने कहा, ‘केंद्र ने स्टूडेंट्स के प्रदर्शन पर आंखें मूंद रखी हैं। सीएम को हर वो कदम उठाना चाहिए, जिसके जरिए स्टूडेंट्स का प्रदर्शन खत्म कराया जा सके।’