नाम ना छापने की शर्त पर एक रिटेलर ने बताया 70 पर्सेंट वेंडर्स के पास माल की कमी है। केवल उन्हीं लोगों के पास स्टॉक है, जिन्हें ‘एल1ए’ कैटिगरी में बदलाव से पहले सप्लाइ मिल गई थी। पंजाब सरकार ने विवादित एल1ए का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसकी ‘सुपर होलसेलर’ के रूप में निंदा की जा रही थी। पंजाब सरकार ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट फैसले पर मुहर लगाने के बाद लिया है। हाईकोर्ट ने प्रविजन को अवैध बताया था।
रिटेलर्स और होलसेलर्स का कहना है कि एल1ए पर हाईकोर्ट ने 9 जून को फैसला सुनाया था, सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 सितंबर को इस पर अपनी मुहर लगा दी थी, इसके बावजूद सरकार ने उत्पादकों और होलसेलर्स के बीच डायरेक्ट बिलिंग को लेकर नोटिफिकेशन जारी करने में देरी की।
होलसेलर्स का आरोप है कि 12 अक्टूब को नोटिफिकेशन जारी हो जाने के बाद भी उत्पादकों ने स्टॉक नहीं दिया है। कई बार प्रयास करने के बावजूद एक्साइज और टैक्सेशन कमिश्नर रजत अग्रवाल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं, अडिशनल एक्साइज और टैक्सेशन कमिश्नर ने इस बात की पुष्टि की कि रिटेलर्स ने उनके सामने इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन उन्होंने इसके आगे कुछ भी बोलने से इनकार किया।