लखनऊ : जिन खाट पर बैठकर कांग्रेस यूपी में वापसी करने की सोच रही थी, उसके किराए से ज्यादा तो हर्जाना देना पड़ गया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली किसान यात्रा के दौरान 5000 खाटों का इस्तेमाल खाट सभाओं में होना था, जबकि हकीकत में 9000 से ज्यादा खाटें इस दौरान या तो टूट गईं या लुट गईं। ऐसे में कांग्रेस को इनके किराए से ज्यादा तो वेंडर को मुआवजा देना पड़ गया।
राहुल की खाट सभा के लिए कुछ वेंडर्स तय किए गए थे। दिल्ली, लखनऊ और यूपी से सटे बिहार के इलाकों से इन्हें लाया गया था। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्लान के तहत पहली जगह खाट सभा खत्म होते ही खाटें अगली सभा के लिए ट्रक में लदकर जानी थीं। इसके लिए विशेष तौर पर एक अलग ट्रक यात्रा के साथ चल रहा था। इस प्लानिंग में असली खामी तब दिखी जब पहली ही सभा में देवरिया में खाटें किसान लेकर चले गए। यहां करीब 1700 खाट लगाई गई थीं। यह सभी खाट किसान ले गए और इस दौरान कई खाट टूट भी गईं। इसके बाद कुशीनगर में हुई सभा में किसान खाट तो नहीं ले गए, लेकिन यहां कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब किसान आयोजन से निकलने लगे तो कई खाट टूट गईं। ऐसा ही तमाम दूसरी जगहों पर भी हुआ।
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