नई दिल्ली : रामजस कॉलेज में एबीवीपी और आइसा से जुड़े स्टूडेंट्स के बीच हिंसक झड़प और तनाव के बाद मुद्दा लगातार तूल पकड़ रहा है। छात्र संगठनों की राजनीति पर अब कांग्रेस और बीजेपी सामने-सामने है। कांग्रेस पार्टी ने हिंसा के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि संघ परिवार से जुड़ी ताकतें लोकतंत्र पर हमलावर है। दूसरी ओर बीजेपी ने भी सवाल दागा कि क्या कश्मीर और बस्तर की आजादी के लिए नारा लगाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?
सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि रामजस कॉलेज में स्टूडेंट्स और टीचर पर दक्षिणपंथी ताकतों ने किया। उन्होंने कहा, ‘यह घटना अकेली नहीं है। जब से यह सरकार सत्ता में आई है, धारा को दक्षिण की ओर मोड़ने की कोशिश की जा रही है। देशभर में हो रही हिंसा और धमकी में एक पैटर्न है। यह भारत के संविधान की मूल भावना को चुनौती दे रहा है।’
इस मुद्दे पर विपक्ष से एकजुट होने का आह्वान करते हुए तिवारी ने कहा, ‘समय आ गया है कि सभी प्रगतिशील और देशभक्त ताकतें साथ आएं और संघ परिवार की ओर से लोकतंत्र पर किए जा रहे हमले का मुकाबला करें, जिसे सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन प्राप्त है।’ वहीं वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने भी कहा है कि कैंपस की राजनीति अनके तरह के विचार होते हैं, इसको खत्म करने की कोई भी कोशिश विश्वविद्यालयों पर वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर सवाल दागा, ‘क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ यह है कि कश्मीर की आजादी के लिए नारे लगाए जाएं, बस्तर की आजादी के लिए नारेबाजी हो?’
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