Use your ← → (arrow) keys to browse
विदर्भ में किसानों की आत्महत्या पर चिंता जताते हुए भागवत ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों का समुचित मूल्य मिलना चाहिए और उन्हें ऐसी तकनीकों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जो मानवता और प्रकृति के लिए हानिकारक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि ‘‘पंडित दीनदयाल त्यागी प्रवृति के व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन समाज के सबसे निचले व्यक्ति की सेवा में अर्पित कर दिया, क्योंकि उसके विकास के बिना किसी को भी विकास बताने का दावा नहीं किया जा सकता।’’
Use your ← → (arrow) keys to browse