नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के धुलागढ़ में सांप्रदायिक हिंसा के चलते बीजेपी और तृणमूल एक बार फिर आमने-सामने हैं। बीजेपी ने तृणमूल पर राज्य को बम फैक्ट्री बनाने का आरोप लगाया है। मंगलवार को यहां पुलिस ने नेताओं के आने पर रोक लगा दी तो बीजेपी ने पुलिस पर तृणमूल का पक्ष लेने का आरोप मढ़ दिया था। पश्चिम बंगाल में मालदा के बाद धुलागढ़ अब हिंसा का केंद्र बना है।
मंगलवार को बीजेपी और पुलिस के आमने-सामने आने से हालात की गंभीरता पता चलती है। पुलिस ने बीजेपी की टीम को अंदर के गांवों में घुसने से रोक दिया था। हालात सोमवार को एक धार्मिक जुलूस के रास्ते को लेकर बिगड़े थे।
कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंसा किसी ने नहीं भड़काई जबकि कुछ का कहना है कि जुलूस पर पथराव किया गया। बुधवार को हालात बहुत खराब हो गए। देसी बमों से हमला और आगजनी पर काबू पाने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। स्थानीय बदमाशों पर हालात खराब करने का आरोप है। पुलिस के पहुंचने तक घरों और दुकानों में तोड़फोड़ हो चुकी थी, आग लगा दी गई थी।
धुलागढ़ में मुस्लिम आबादी ज्यादा है और इलाके से भागे कई लोगों का कहना है कि उनको उनके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया। पुलिस इलाके में गश्त कर रही है और रेपिड एक्शन फोर्स भी चौकस है।
बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी की सरकार राज्य में सांप्रदायिक झड़पों पर काबू पाने में नाकाम रही है। साल के शुरू में मालदा में कालियाचक में जो कुछ हुआ उसके लिए भी वे ममता की नाकामी को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। पार्टी ने फिर दोहराया है कि ममता के राज में पश्चिम बंगाल बम फैक्टरी बन गया है। पिछले एक हफ्ते में 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच पुलिस हिंसा की जांच में लगी है।