….तो इसलिए कश्मीर घाटी में आतंकी डाल रहे बैंकों में डकैती

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बैंक डकैती

कश्मीर घाटी में हाल में ही कई बैंक डकैती की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के लिए घाटी में आतंकियों की बढ़ती संख्या को जिम्मेदार माना जा रहा है। फंड और हथियारों की कमी की वजह से लूट की घटनाओं में इजाफा हुआ है।

एक आंकड़े के मुताबिक नोटबंदी के बाद घाटी में 13 बड़ी बैंक डैकेतियां हुई हैं और 9 बार विफल प्रयास किया गया है। अधिकतर मामलों में J&K बैंक को निशाना बनाया गया, जिसकी घाटी में सबसे ज्यादा शाखाएं हैं। J&K बैंक, ऐक्सिस बैंक, एसबीआई और इलाकाई देहात बैंक से नवंबर 2016 से मई 2017 के बीच लगभग 90 लाख रुपये की लूट हो चुकी है। नोटबंदी के बाद डकैती की नौ विफल कोशिशों में बडगाम, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा की बैंक शाखाएं शामिल हैं।

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इंटेलिजेंस एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक घाटी में स्थानीय लोगों के आतंकवादी गुटों में शामिल होने के बाद नकदी और हथियार स्नैचिंग के मामले भी बढ़े हैं। एक अधिकारी ने बताया, ‘8 नवंबर से पहले कई तरीके से आतंकियों को नकदी मिल जाती थी और इनकी संख्या भी कम थी। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बैंकों की लूट को बढ़ावा देता है। पाकिस्तान अपने प्रॉपेगैंडा ‘माल-ए-गनीमत’ के हिसाब से धार्मिक तौर पर इसे सही ठहराता है और लोगों को गुमराह करता है।’

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हाल में देखा गया है कि आतंकी गतिविधियों में 80 प्रतिशत स्थानीय आतंकियों का हाथ था। पाकिस्तान के उकसावे पर इन्होंने आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए नकदी मिलनी बंद होने के बाद पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग के लिए यह रास्ता निकाला है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान से होने वाली हथियारों और कैश की सप्लाइ पर कड़ाई से रोक लगाने के बाद आतंकियों के पास नकदी और हथियारों की कमी हो गई है।

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