नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार(14 जनवरी) को कोलकाता में एक संबोधन के दौरान कहा कि आरएसएस किसी के खिलाफ काम नहीं कर रहा, बल्कि हिन्दू समुदाय को एकजुट करने और उसे मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।
भागवत ने कहा कि हमने यह संगठन किसी का विरोध करने के लिए नहीं बनाया, बल्कि खुद को मजबूत करने के लिए बनाया। हिन्दू समाज का इस देश में एक गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने पूछा कि ऐसे गौरवशाली इतिहास के बावजूद क्या हिन्दू समाज की स्थिति वैसी ही है, जैसा इसे होना चाहिए था?
उन्होंने मकर संक्रांति के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि क्या हमें कोई रोक सकता है? हमें कोई नहीं रोक सकता। हमें काम करना है और हम अपना काम करते रहेंगे। काम बढ़ाना है, यह उपदेश देने से नहीं होता।
भागवत ने कहा कि ‘क्या हिंदू पूरे भारत में अपनी धार्मिक रस्मों और गतिविधियों को मुक्त रूप से अदा करने में सक्षम हैं? क्या इस देश में हिंदुओं का मानवाधिकार बखूबी स्थापित है? उन्होंने कहा कि ‘यदि जवाब ना में है तो फिर आप क्यों आश्चर्यचकित होते हैं जब बांग्लादेश में हिंदुओं का दमन होता है?
उन्होंने कहा कि अपनी हालत के लिए हिंदू ही जिम्मेदार हैं। आपको बता दें कि इस रैली के लिए कोलकाता पुलिस ने इससे पहले इजाजत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने आरएसएस को कार्यक्रम की इजाजत दे दी थी।