सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने बाहुबली इमेज बदलने के सवाल पर कहा कि-लोगों ने पिछले 26 साल से इसी तरह स्वीकार किया है। मैं अपनी इमेज क्यों बदलूं। बाहुबली सिर्फ एक-दो लोग मुझे कहते हैं। बाकी कोई मुझसे डरा नहीं है। शहाबुद्दीन ने खुद को गलत ढंग से फंसाने का आरोप लगाया।
दरअसल 16 अगस्त 2004 को सीवान के गोशाला रोड रहने वाले कारोबारी चंदा बाबू के बेटों सतीश और गिरीश का शहाबुद्दीन के गुर्गों ने अपहरण कर लिया था। बड़े भाई राजीव रोशन ने शहाबुद्दीन की मौजूदगी में दोनों भाईयों को तेजाब में डुबोकर मारने की गवाही दी थी। हाई कोर्ट के आदेश पर केस की सुनवाई शुरू हुई। 2005 से शहाबुद्दीन जेल में रहा। 16 जून 2014 को गवाह राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसमें शहाबुद्दीन के साथ उसके बेटे ओसामा की हत्या कर दी थी। गवाह के अभाव में रिहाई आसान हो गई। बहरहाल, शहबुद्दीन की रिहाई के बाद सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार की जमकर आलोचना हो रही है। हालांकि इस मुद्दे पर नीतीश और लालू दोनों ने अभी तक चुप्पी साध रखी है।
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