अब गवर्नर को यह फैसला करना होगा कि वह पन्नीरसेल्वम को आगे भी बतौर सीएम काम करने की इजाजत देते हैं कि नहीं? ऐसा हो या न हो, पन्नीरसेल्वम फिलहाल इस मामले को लंबा खींचना चाहते हैं क्योंकि आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जल्द फैसला होने वाला है। अगर फैसला उनके खिलाफ आया तो शशिकला नैतिक या कानूनी तौर पर सीएम बनने की हकदार नहीं रह जाएंगी।
बीजेपी इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम से खुद को अलग दिखा रही है, लेकिन पार्टी के ही एक सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने गवर्नर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्वामी का कहना है कि गवर्नर ने अपनी ड्यूटी ठीक ढंग से नहीं निभाई, इसलिए उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। पन्नीरसेल्वम द्वारा जयललिता की मौत की जांच करने के आदेश का स्वागत किया। हालांकि, स्वामी ने यह भी कहा कि शशिकला को सीएम बनाए जाने की जरूरत नहीं क्योंकि उनकी ओर से दाखिल आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें सजा हो जाएगी। स्वामी के मुताबिक, शशिकला अगर सीएम बन भी जाती हैं तो वह सिर्फ छह दिन के लिए पद पर रहेंगी।
शशिकला और पन्नीरसेल्वम, दोनों ही धड़े इस बात का दावा कर रहे हैं कि उनके पास पार्टी का समर्थन है। इस बारे में खुद गवर्नर को ही फैसला करना होगा। दरअसल, विधायक भले ही शशिकला के पक्ष में नजर आ रहे हों, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी कैडर ओ पन्नीरसेल्वम को समर्थन दे रहा है। एक अंदाजे के मुताबिक, पार्टी के 1400 काउंसिल मेंबर्स में से अधिकतर पन्नीरसेल्वम के पक्ष में खड़े हैं। अगर वाकई ऐसा है तो पार्टी के दो फाड़ होने की आशंका है।