डूबते गांव को बचाने के लिए SDM बने मजदूर

0
एसडीएम अरविंद कुमार

नई दिल्ली। ये हैं उत्तर प्रदेश में स्थित बलिया जिला के एसडीएम अरविंद कुमार… बाढ़ में बांध बचाने गए अरविंद कुमार ने जब देखा कि लोग कम पड़ रहे हैं तो वो खुद ही रेत की बोरियां उठाने में जुट गए। लोग उनकी कर्तवनिष्ठा देखकर दंग रह गए कि कोई अफसर भी ऐसा कर सकता है क्या?

इसे भी पढ़िए :  बीजेपी को छोड़ सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग को दी चंदे की जानकारी, हुए कुछ चौंकाने वाले खुलासे

दरअसल, बलिया में दूबेछपरा रिंग बांध बचाने में जब सरकारी तंत्र विफल हो जाने के बाद ग्रामीणों ने मोर्चा संभाल लिया। पूरी रात गंगा की उफनाती लहरों से लड़ते हुए उन्होंने खुद पर आई आफत को फिलहाल टालने में सफलता भी हासिल कर ली है।

ग्रामीणों के प्रयास को देखते हुए बैरिया एसडीएम अरविंद कुमार प्रभावित गांवों को खाली करने के आदेश देने के साथ ही कटान स्थल पहुंच गए। ग्रामीणों के जज्बे को देख एसडीएम भी खुद को रोक नहीं पाए और मजदूरों की तरह माथे पर बोरी उठाकर लोगों का जोश बढ़ाने में जुट गए।

इसे भी पढ़िए :  बीजेपी पर जमकर बरसे लालू, कहा 'भाजपा का मर चुका है ज़मीर'

दो घंटे तक खुद सिर पर बोरियां ढोकर बांध को टूटने से बचाने वाले एसडीएम की पहल से गांव वाले गदगद हैं। जब एसडीएम जाने लगे तो गांव वालों ने एकजुट होकर कहा कि साहब हम तो आपका अहसान नहीं चुका सकते। आप नहीं होते तो गांव डूब जाता। इस पर एसडीएम ने कहा कि आप लोगों को केवल यह बताना था कि एकजुट होकर कोई प्रयास करने से हम अपने गांव की हर मुसीबत को टाल सकते हैं।

इसे भी पढ़िए :  दिनदहाड़े दस लाख की लूट से दहल उठा फरीदाबाद, सुरक्षा की खुली पोल