सीनियर इंस्पेक्टर नीता फडके, उमेश गौंड, दशरथ विटकर और शैलेश पवार द्वारा की गई जांच में सामने आया कि पेटीएम में अधिकतम रकम रखने की भी एक सीमा होती है। इसलिए जब किसी पेटीएम अकाउंट में रकम उस सीमा तक जमा हो जाती थी, तो आरोपी एक खास जूलर के पेटीएम अकाउंट में यह रकम ट्रांसफर कर देते थे और बदले में अपने आदमी उसकी जूलरी दुकान पर भेजकर उससे गोल्ड क्वॉइंस ले लेते थे। बाद में वह पेटीएम अकाउंट बंद कर दिया जाता था। फिर दूसरा, तीसरा और इसी तरह दर्जनों-सैकड़ों पेटीएम अकाउंट्स खुलते-बंद होते रहते थे और जूलर से गोल्ड क्वॉइंस खरीदने का सिलसिला भी चलता रहता था। पेटीएम में अकाउंट खोलने के लिए सिम कार्ड की जरूरत होती है। सिम कार्ड खरीदने के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
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