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साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए ही पटना हाई कोर्ट को बरकरार रखा था जिसमें सीवान जेल के अंदर मुकदमे की कार्रवाई का आदेश दिया गया था। सीवान के जिला प्रशासन ने तब अदालत में तर्क दिया था कि उन्हें आम अदालत में ले जाने से आम शांति भंग हो सकती है और आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंच सकता है। सूत्रों के अनुसार सीवान प्रशासन इस बार भी शहाबुद्दीन के खिलाफ सीसीए लगाने के पक्ष में था। लेकिन पुलिस मुख्यालय से उसे इस बात कोई आदेश नहीं मिला। जिसके चलते शहाबुद्दीन बाहर आ गया।
जेल से निकलते ही शहाबुद्दीन ने नियम तोड़कर बिना टोल देिए निकाला 100 से ज्यादा गाड़ियो का काफिला देखिए विडियो-
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