गोरखनाथ मंदिर के पहले इंजिनियर निसार अहमद हुआ करते थे, जो बाद में महाराणा प्रताप पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य बन गए थे। उन्होंने बताया, ‘मैं मंदिर का इंजिनियर था। साधना भवन, यात्री निवास, हिंदू सेवाश्रम, मंदिर में दुकानें, गोरखनाथ अस्पताल की नई बिल्डिंग, संस्कृत विद्यालय, राधाकृष्ण मंदिर और कई अन्य मंदिर मेरे दिए डिजाइन के अनुरूप बनाए गए हैं। अब मैं रिटायर हो चुका हूं।’
योगी आदित्यनाथ को गायों के बहुत प्रेम है और मंदिर में 400 गायें रहती हैं। इन गायों की देखभाल करने वाला मान मोहम्मद भी एक मुस्लिम है। मान बताते हैं, ‘पहले मेरे पिताजी यह काम किया करते थे, अब मैं गायों की देखभाल करता हूं। सुबह 3 बजे उठकर गायों का दूध निकालता हूं और उन्हें खाने के लिए चारा देता हूं। छोटे महाराज हम सभी का खयाल रखते हैं।’
योगी मंदिर में ही एक कमरे में रहते हैं। उनके कमरे में अटैच्ड वॉशरूम तो है, लेकिन कोई टीवी या रेडियो सेट नहीं है। उनकी अलमारियों में धार्मिक ग्रंथ और महान लोगों की जीवनियां भरी पड़ी हैं। देश-दुनिया की खबरों के लिए योगी अखबारों पर निर्भर रहते हैं, जो उनकी कुर्सी के पास क्रमबद्ध ढेर में दिखाई देते हैं।































































