बातचीत के दौरान अंसारी ने आगे बताया, ‘मैंने कई बार योगी आदित्यनाथ को गरीबों की मदद करते देखा है, वह यह नहीं देखते कि कौन किस जाति या धर्म का है। छोटे महाराज शादी समारोहों में शरीक होते हैं।’
मंदिर परिसर में एक दुकान चलाने वाली मुस्लिम अजीजुन्निसा ने बताया कि पिछले 35 वर्षों से वह यहां दुकान चला रही हैं, उन्होंने कभी महसूस नहीं किया कि योगी ने किसी को सम्मान न दिया हो या भेदभावपूर्ण व्यवहार किया हो।
20 वर्षों से मंदिर में चूड़ियों की दुकान लगाने वाले मोहम्मद मुताकिम ने बताया, ‘मंदिर के अंदर दुकानों और अन्य कामों के जरिए कई मुस्लिम परिवार अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं, उनमें किसी बात का भय नहीं।’
यासिन अंसारी ने बताया कि उनके पिता के बड़े भाई महंत दिग्विजयनाथ की पुरोहित बनने की विधि कार्यक्रम में शामिल हुए थे और मंदिर के किचन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी। उन्होंने बताया कि 1977-83 तक वह मंदिर के खजांची थे और 1984 से वह मंदिर के निर्माण कार्यों के सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे हैं।