कहते है ना अगर कुछ करने की ठान लो तो कुछ भी नामुकीन नही है आज ये बात इस अॉल इंडिया लेवल पर छठी रैंक हासिल करने वाले हैदराबाद के वी मोहन अभ्यस ने साबित कर एक धमाका किया है। इस लड़के ने अपनी काबिलियत और मेहनत केबल पर आंध्र प्रदेश के इंजीनियरिंग एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (EAMCET) में पहला स्थान हासिल किया है।
हैदराबाद शहर के कुक्कटपल्ली हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले मोहन की पढ़ाई में आर्थिक कमजोरी कभी भी उनकी राह का कांटा नहीं बनी। मोहन के पिता वी सुब्बा राव समोसे बेचते हैं। वह अपनी पत्नी के साथ घर पर ही समोसे बनाते हैं। राव साइकल पर आस-पास के इलाकों में समोसे बेचते हैं। कुक्कटपल्ली के कुछ खाने के स्टॉल उनके समोसे खरीदते हैं, जिससे उनका घर खर्च चलता है। मोहन भी अपने पैरंट्स की समोसे बनाने में मदद करते हैं। आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी से ताल्लुक रखने वाले सुब्बा राव 13 साल पहले बेहतर जिंदगी की तलाश में शहर आ गए थे। मोहन कहते हैं कि अब वह आईआईटी चेन्नै में बीए (इंजीनियरिंग फिजिक्स) में एडमिशन चाहते हैं और साथ ही वह बीएसपी भी करना चाहते हैं। उनका सपना एक अच्छा साइंटिस्ट बनने का है।