पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि अगर सरकार को इतनी जल्दी थी तो हाईकोर्ट के जमानत के फैसले को तुरंत सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जानी चाहिए थी। बिहार सरकार के अलावा अपने तीन बेटों को खोने वाले चंदाबाबू ने भी शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की याचिका दी है।
चंदाबाबू ने अपनी याचिका में कहा है कि शहाबुद्दीन के आने से इलाके में एक बार फिर दहशत का माहौल है। इसके साथ ही वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी सीवान में मारे गए तीन भाइयों की मां की तरफ से शहाबुद्दीन की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
वहीं, इस बीच हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि उनके राज्य में कोई डॉन खुला नहीं घूमेगा। इसे शहाबुद्दीन को लेकर उनकी सरकार के रुख की तरह देखा जा रहा है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार में सरकार चला रहे गठबंधन में सब कुछ ठीक है।