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कॉलेज के पूर्व छात्र सद्दाम शेख ने कहा कि स्वास्तिक चिह्न गैरजरूरी हैं। उन्होंने यह भी शिकायत की कि स्कूल का नाम सिर्फ मराठी में ही लिखा गया है। सद्दाम ने कहा,’सिर्फ मराठी में लिखा नाम और स्वास्तिक चिह्न सही संकेत नहीं है। यह एक सरकारी कॉलेज है और इसका प्रमुख उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को शिक्षित करना है।’
बीजेपी के पूर्व विचारक सुधींद्र कुलकर्णी ने भी कहा कि गेट पर स्वास्तिक चिह्नों का प्रयोग ‘गलत’ है। बॉम्बे स्टीम नैविगेशन कंपनी के प्रॉपराइटर हाजी इस्माइल युसुफ ने 1914 में राज्य सरकार को 8 लाख रुपये दान दिए हैं। इसका उद्देश्य साफ था- “मुस्लिम समुदाय को शिक्षित करना। कॉलेज की इस्लामिक विशेषताएं बनाए रखी जानीं चाहिए।”
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