गौरतलब है कि ट्रिपल तलाक और बहुविवाह के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाएं विरोध कर रही है। वह इससे आजादी चाहती हैं। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ट्रिपल तलाक खत्म किए जाने और यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने के खिलाफ है। पर्सनल लॉ बोर्ड और मुस्लिम संगठनों ने प्रेस कांफ्रेंस करके समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली का विरोध किया और सरकार पर उनके समुदाय के खिलाफ ‘युद्ध’ छेड़ने का आरोप लगाया। संगठनों ने दावा किया कि अगर समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया जाता है तो यह सभी लोगों को ‘एक रंग’ में रंग देने जैसा होगा, जो देश के बहुलतावाद और विविधता के लिए खतरनाक होगा। वहीं, केन्द्र ने तीन तलाक के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नसीहत देते हुए उस पर राजनीति न करने को कहा है। केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह मामला लैंगिक समानता और न्याय का है। लिहाजा, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वेंकैया नायडू ने कहा, “अगर आप विधि आयोग का बहिष्कार करना चाहते हैं तो यह आपकी मर्जी है लेकिन आप अपने विचार दूसरों पर नहीं थोप सकते हैं और न ही इसे राजनीतिक बना सकते हैं।”