पांच महीने बाद कश्मीर में एक बार फिर वही अशांति का माहौल पैदा हो गया है जैसा हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हो गया था। अभी तक कश्मीर में आतंकवादियों की मौत पर लोगों का हुजुम उमड़ता था, लेकिन इस बार ऐसा शनिवार शाम आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मी की मौत पर हुआ है। पुलिसकर्मी की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोगों का गुस्सा उबल पड़ा है, और इतना ही नहीं रविवार को शहीद पुलिसकर्मी अब्दुल करीम शेख की अंतिम यात्रा में लाखों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
कश्मीर के चोगुल हंदवाड़ा इलाके में शनिवार को कुछ आतंकियों ने पुलिस पेट्रोलिङ्ग टीम पर हमला कर द था जिसमें जम्मू कश्मीर पुलिस के सिपाही अब्दुल करीम शेख शहीद हो गए थे। एक रिश्तेदार अब्दुल कबीर ने कहा, “जिसने भी अब्दुल करीम को मारा है, मैं उसे कभी भी मुजाहिद नहीं कहूंगा। मैं स्पष्ट रूप से कहू रह हूं, फिर चाहे परिणाम कुछ भी हो। यह आतंकवाद है और इसे रोका जाना चाहिए।”
अगली स्लाइड में पढ़ें खबर का बाकी अंश