वीकेंड के दूसरे दिन रविवार को नोटबंदी के असर को दरकिनार करते हुए दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 36वें ट्रेड फेयर में दर्शकों की संख्या डेढ़ लाख के भी पार पहुंच गयी। 14 नवंबर से ट्रेड फेयर का आगाज़ हो चुका है। शनिवार के मुक़ाबले रविवार को ज्यादा लोग ट्रेड फेयर में पहुंचे और सभी ने ATM, Paytm, मोबाइल, बटुआ और क्रेडिट कार्ड से जमकर शॉपिंग की और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ भी उठाया। लेकिन मेले का मुख्य आकर्षण रहा तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए सामान का स्टॉल जिस पर दिनभर लोगों का ताता लगा रहा।
जिन हाथों में कभी चाकू और छुरी हुआ करते थे वही हाथ रविवार को मेले में किसी सधे हुए सेल्समैन की तरह लोगों को सामान बेच रहे थे। जेल में कैदियों के अच्छे कंडक्ट को देखते हुए जेल प्रशासन ने इन्हें सेल्समैन तक बनाने तक का रिस्क उठा लिया। कैदियों की पहचान ना बताने कि शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि ये ट्रेड फेयर में दिल्ली स्टेट पविलियन में तिहाड़ जेल काउंटर पर सामान बेचा रहे हैं।
किसी ट्रेंड सेल्समैन की तरह सामान बेचते इन कैदियों को देखकर कोई ये सोच भी नहीं सकता कि इन हाथों में कभी चाकू और छुरी हुआ करते थे। सलाखों से बाहर आकर काम करते हुए ये लोग बेहद खुश हैं।
जेल सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल के डीजी सुधीर यादव ने इन कैदियों के अच्छे चाल-चलन को देखते हुए इन्हें यह ज़िम्मेदारी देने का रिस्क उठाया गया है। जिससे ये समाज की मुख्य धारा में लौट सकें।