नई दिल्ली। दिल्ली में अब पंजाबी और उर्दू को बढ़ावा देने का प्रोग्राम बनाया जा रहा है, जिसके लिए नए शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट ने राज्य में 610 उर्दू और 769 पंजाबी के ट्रैंड ग्रेजुएट टीचर की भर्ती का आदेश दे दिया है। इस फैसले के बाद दिल्ली के हर सरकारी स्कूल में सेकेंडरी तक एक एक टीचर की मौजूदगी आवश्यक होगी। दिल्ली सरकार के मुताबिक हर स्कूल में इन भाषाओं का पढ़ाया जाना अत्यंत आवश्यक है। यदि टीचर की गैर मौजूदगी होगी तो छात्र का मन भी इन विषयों को पढ़ने में नहीं लगता है। ऐसा मानना है दिल्ली
सरकार का। इसके साथ ही कैबिनेट ने ये फैसला भी लिया है की एक सोसाइटी फॉर एक्सिलेन्स का गठन किया जाए। जो की क्वालिटी एजुकेशन के साथ पेर्सनेलिटी डवलपमेंच पर भी ध्यान देगी। सोसाइटी दो स्कूल रोहिणी में और तीन द्वारका में चलाएगी। इन स्कूल के लिए नई बिल्डिंग तैयार की गयी है। जिसमे शिक्षा विद शामिल रहेंगे। इस बात का भरपूर प्रयास किया जाएगा कि ऐसी नीतियाँ बने जिससे 18 साल तक छात्र क्वालिटी एजुकेशन पा
सकें।