शहीद की पत्नी ने पूछे ऐसे सवाल जिसका जवाब देने में केंद्र सरकार को आ जाएगा पसीना !

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परमजीत सिंह
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जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों के हाथों शहीद हुए नायब सूबेदार परमजीत सिंह के परिजन इस वक्त बेहद दुख और गुस्से में हैं। सेना की 22 वीं सिख इन्फेंट्री से ताल्लुक रखने वाले 42 वर्षीय सिंह का शव पाकिस्तानी सैनिकों ने क्षत-विक्षत कर दिया था। इस कारण पंजाब के सिंह के परिवार को उनका पार्थिव शरीर देखने नहीं दिया गया। शहीद के नाते-रिश्तेदार शव देखे बिना अंतिम संस्कार को तैयार नहीं थे, हालांकि बाद में सैन्य तथा स्थानीय अधिकारियों के समझाने पर वे इसके लिए के लिए राजी हो गए।

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परमजीत के परिवार में बूढ़े पिता उधम सिंह और मां गुरिंदर कौर के अलावा पत्नी परमजीत कौर और 11 साल से 14 साल के बीच की उम्र की दो बेटियां सिमरदीप कौर और खुशदीप कौर तथा एक बेटा साहिलदीप सिंह है। सिंह की पत्नी परमजीत कौर इस दौरान इस बात से नाराज दिखीं कि सरकार का कोई वरिष्ठ अधिकारी उनके परिवार से मिलने या अंत्येष्टि में शामिल होने नहीं आया।

पाकिस्तान को सख्त सबक सिखाने की मांग करते हुए कौर कहती हैं, ‘उनके (परमजीत) जाने से हमारा सबकुछ चला गया है। मेरे बच्चों का अब क्या होगा? हमारी सरकार ने एक बार कहा था कि अगर वे (पाकिस्तान) हमारे एक सैनिक की हत्या करता है या उसका सर काटता है तो दुश्मन के 10 सैनिकों को इसका बदला चुकाना होगा, लेकिन आज क्या हो रहा है? अगर सरकार पाकिस्तान को कोई सबक नहीं सिखा सकती, तो मुझे अपने पति की हत्या का बदला लेने की इजाजत दे।’

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परमजीत का परिवार गरीब है और परिवार में उनके अलावा और कोई कमाने वाला नहीं। अपने आंसू रोकने की कोशिश कर रही परमजीत की बेटी सिमरदीप कहती है कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। वहीं परमजीत के बुजुर्ग पिता उधम सिंह कहते हैं कि उनका बेटा अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलाना चाहता था। परमजीत ने पुश्तैनी मकान ठीक-ठाक कराने पर बात की थी, ताकि बच्चों को पढ़ने और खेलने के लिए ज्यादा जगह मिल सके।

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